13 जुलाई 2025 को, तमिलनाडु के तिरुवल्लूर के पास एक मालगाड़ी, जो डीजल लेकर चेन्नई से बेंगलुरु जा रही थी, डिरेल हो गई और आग लग गई। इस हादसे में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन रेल सेवाओं पर काफी असर पड़ा। आग बुझाने में कई घंटे लगे, और सौभाग्य से, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।
समाचार स्रोतों, जैसे Onmanorama, Patrika, National Herald, Oneindia, DT Next, और Telangana Today, ने इस घटना की पुष्टि की है। इन स्रोतों के अनुसार, आग तिरुवल्लूर-एगट्टूर रेलवे खंड पर सुबह 4:45 से 5:30 बजे के बीच लगी, जो चेन्नई सेंट्रल से लगभग 43 किलोमीटर दूर है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि डिरेलमेंट ने शायद ईंधन रिसाव को ट्रिगर किया, जिससे आग लगी। हालांकि, सटीक कारण अभी भी जांच के अधीन है।
तिरुवल्लूर जिला प्रशासन ने तुरंत आग बुझाने की सेवाओं, पुलिस, और राजस्व अधिकारियों को मोबिलाइज किया। कई फायरफाइटिंग यूनिटों को तैनात किया गया, और आसपास के निवासियों को सुरक्षा के लिए निकाला गया। महत्वपूर्ण अस्पताल के मरीजों को वैकल्पिक सुविधाओं में शिफ्ट किया गया। हादसे की जगह को सील कर दिया गया, और जनता को सलाह दी गई कि वे उस क्षेत्र से बचें।
रेलवे अधिकारियों ने शेष वैगन को अलग करने का काम शुरू किया ताकि आगे के नुकसान से बचा जा सके। तिरुवल्लूर जिला पुलिस अधीक्षक, श्रीनिवासा पेरुमाल, ने कहा, “हादसे की जगह को सुरक्षा कारणों से सील कर दिया गया है, और फायर डिपार्टमेंट को सूचित कर दिया गया है ताकि आग को नियंत्रित किया जा सके… रेलवे प्राधिकारी शेष डिब्बों को अलग करने के लिए काम कर रहे हैं ताकि और नुकसान से बचा जा सके। जनता को सलाह दी गई है कि वे हादसे की जगह से बचें ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।”
यह हादसा अरक्कोणम और चेन्नई के बीच रेल यातायात को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाला था। ओवरहेड पावर सप्लाई सस्पेंड कर दी गई, और कई एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द, डायवर्ट, या शॉर्ट-टर्मिनेट करना पड़ा। दक्षिण रेलवे ने यात्रियों से अपील की कि वे आधिकारिक चैनलों के माध्यम से अपडेट रहें और वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था करें। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, चेन्नई-तिरुपति राजमार्ग पर भी धुएं के कारण सड़क यातायात प्रभावित हुआ।
आधिकारिक जांच शुरू की गई है ताकि डिरेलमेंट और आग के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके। प्रारंभिक निष्कर्ष बताते हैं कि डिरेलमेंट ने शायद हादसे को ट्रिगर किया, लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। एआईएडीएमके के नेता और विपक्ष के नेता, एदप्पादी के पलानीस्वामी, ने रेलवे प्राधिकारियों से उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है ताकि आग के कारणों का पता लगाया जा सके।
यह घटना रेल सुरक्षा पर फिर से विचार करने की जरूरत को उजागर करती है, खासकर भारत में, जहां 1961 से 2019 तक 38,500 से अधिक रेल हादसे रिपोर्ट किए गए हैं, जैसा कि विकिपीडिया के ऐतिहासिक डेटा से पता चलता है। हाल के सुधारों के बावजूद, ऐसी घटनाएं अभी भी महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करती हैं।
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