आज, 22 जुलाई 2025 को, हम उस ऐतिहासिक दिन को याद कर रहे हैं जब 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगे को आधिकारिक रूप से अपनाया था। यह वही दिन था जब पिंगली वेंकैया द्वारा डिजाइन किए गए इस ध्वज ने स्वराज झंडे के चरखे को बदलकर अशोक चक्र को अपनाया, जो धर्म और प्रगति का प्रतीक बना। ड्रिष्टि आईएएस (@drishtiias) के ट्वीट के अनुसार, यह ध्वज भारत की आजादी से ठीक पहले 15 अगस्त 1947 को देश का आधिकारिक झंडा बना और 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र भारत का प्रतीक बना।
पिंगली वेंकैया, जिन्होंने 1921 में महात्मा गांधी को यह डिजाइन सुझाया था, ने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिटिश सेना में सेवा के दौरान झंडे की जरूरत महसूस की थी। हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से, उनकी मृत्यु 1963 में गरीबी में हुई और उन्हें सम्मान 2009 में एक डाक टिकट के जरिए मिला। इंडिया गवर्नमेंट के पोर्टल (knowindia.india.gov.in) के अनुसार, 26 जनवरी 2002 को झंडा संहिता में बदलाव के बाद आम नागरिकों को किसी भी दिन तिरंगा फहराने की अनुमति मिली, बशर्ते झंडा संहिता का पालन हो।
यह तिरंगा न केवल एक झंडा है, बल्कि भारत की आशाओं और एकता का प्रतीक है। क्या आपको पता है कि इसकी हर रंग और चक्र की अपनी कहानी है? आज, हर भारतीय को इस गौरवशाली इतिहास को याद करना चाहिए!
राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगा, 22 जुलाई 1947, पिंगली वेंकैया, भारतीय इतिहास – भारत के गौरवशाली झंडे की कहानी।
National Flag, Tricolor, July 22 1947, Pingali Venkayya, Indian History – The proud story of India’s flag.