चीनी = खतरा!

चीनी की मिठास बन सकती है सेहत का जहर, आज ही हो जाएं सावधान!

नई दिल्ली: चीनी, जो हर भारतीय रसोई का अहम हिस्सा है, आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। रोजमर्रा के खाने में चाय, कॉफी, मिठाइयों और प्रोसेस्ड फूड में चीनी का इस्तेमाल आम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका अधिक सेवन कई गंभीर बीमारियों को न्योता दे सकता है? स्वास्थ्य विशेषज्ञ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) चेतावनी दे रहे हैं कि चीनी का अधिक सेवन मोटापा, टाइप-2 मधुमेह, हृदय रोग, दांतों की सड़न और यहां तक कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

चीनी का अधिक सेवन: सेहत पर खतरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दैनिक कैलोरी का केवल 5-10% हिस्सा ही चीनी से आना चाहिए। लेकिन भारत में प्रति व्यक्ति चीनी की खपत इससे कहीं अधिक है, जो मोटापे और मधुमेह के बढ़ते मामलों की बड़ी वजह है। एक अध्ययन के मुताबिक, अधिक चीनी का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध, सूजन और टाइप-2 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, चीनी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाकर हृदय रोगों का कारण बनती है और दांतों में बैक्टीरिया को बढ़ावा देकर कैविटी का जोखिम बढ़ाती है।

मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर

हाल के शोध बताते हैं कि चीनी का अधिक सेवन न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। न्यूट्रिशनिस्ट करिश्मा शाह के अनुसार, ज्यादा चीनी खाने से मूड स्विंग्स, चिंता, अवसाद और ब्रेन फॉग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। चीनी दिमाग में सूजन को बढ़ावा देती है, जिससे संज्ञानात्मक कार्यों जैसे याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है।

बच्चों और शिशुओं के लिए खास खतरा

भारत में बोर्नविटा और सेरेलैक जैसे उत्पादों में उच्च चीनी सामग्री की जांच ने चिंता बढ़ा दी है। एक विश्लेषण के अनुसार, बोर्नविटा में प्रति 100 ग्राम में 49.8 ग्राम चीनी होती है, जिसमें 37.4 ग्राम अतिरिक्त चीनी शामिल है। शिशु आहार में अधिक चीनी अग्नाशय पर तनाव डालती है, जिससे मधुमेह और मोटापे का खतरा बढ़ता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने ऐसे उत्पादों को “कम चीनी” और “स्वस्थ” के दावों के साथ बेचने पर सख्त नियम लागू किए हैं, लेकिन भ्रामक विज्ञापनों पर अभी और नियंत्रण की जरूरत है।

सरकारी दिशानिर्देश और जागरूकता

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने हाल ही में ट्वीट कर चीनी, नमक और वसा के अधिक सेवन के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाई। मंत्रालय ने ‘ईट राइट मूवमेंट’ के तहत लोगों से संतुलित आहार अपनाने की अपील की है। FSSAI भी उच्च चीनी, नमक और वसा (HFSS) वाले खाद्य पदार्थों के लिए चेतावनी लेबल और स्पष्ट दिशानिर्देश लागू करने की दिशा में काम कर रहा है।

चीनी कम करने के आसान उपाय

  • लेबल पढ़ें: पैकेज्ड फूड खरीदते समय चीनी की मात्रा जांचें।
  • प्राकृतिक मिठास: चीनी की जगह शहद, गुड़ या स्टीविया का उपयोग करें।
  • सॉफ्ट ड्रिंक्स छोड़ें: नींबू पानी, नारियल पानी या हर्बल चाय पिएं।
  • साबुत फल चुनें: पैकेज्ड जूस की जगह ताजे फल खाएं।
  • धीरे-धीरे कम करें: चीनी की लत को धीरे-धीरे कम करें ताकि आदत बदल सके।

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