अहिल्याबाई होलकर

लोकमाता अहिल्याबाई होलकर: सनातन चेतना की शाश्वत प्रतीक, जिन्होंने भारत को ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की राह दिखाई

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध रानी अहिल्याबाई होलकर की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन किया। योगी आदित्यनाथ ने अपने पोस्ट में अहिल्याबाई होलकर को सनातन चेतना की शाश्वत प्रतीक और नारी शक्ति की प्रतिमूर्ति बताया। उन्होंने कहा कि ‘लोकमाता’ के रूप में विख्यात अहिल्याबाई ने जो आदर्श शासन व्यवस्था की नींव रखी, वह आज ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की निर्माण-यात्रा को नई दिशा प्रदान कर रही है।

अहिल्याबाई होलकर का जन्म 31 मई, 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के चौंडी गांव में हुआ था। वे मालवा के होलकर वंश की रानी थीं और 1767 से 1795 तक इंदौर पर शासन किया। उनकी शासन व्यवस्था को भारतीय इतिहास में एक आदर्श के रूप में याद किया जाता है। वे न केवल एक कुशल प्रशासक थीं, बल्कि एक दूरदर्शी नेता भी थीं, जिन्होंने सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पुनरुत्थान के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।

योगी आदित्यनाथ के ट्वीट में उल्लेख किया गया कि अहिल्याबाई होलकर ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया, जो उनकी सांस्कृतिक विरासत के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इसके अलावा, उन्होंने सोमनाथ मंदिर सहित कई अन्य मंदिरों और धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार कराया। उनकी इन पहलों ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अहिल्याबाई होलकर की विरासत आज भी भारतीय समाज में जीवित है। उनकी नीतियों और कार्यों ने न केवल सांस्कृतिक पुनरुत्थान को बढ़ावा दिया, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों को भी मजबूत किया। योगी आदित्यनाथ के शब्दों में, “सांस्कृतिक पुनरुत्थान हेतु उनके द्वारा किए गए कार्य हमें सदैव प्रेरणा प्रदान करते रहेंगे।”

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