14 अगस्त 2025 को शुभ श्रावण पूर्णिमा के दिन भगवान बलराम जयंती मनाई जा रही है, जिसे कृषि संस्कृति के संरक्षक और श्रम के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों, या ‘अन्नदाता’ के लिए सुख-समृद्धि और हरियाली की प्रार्थना की, जो भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के 2023 के अध्ययन के अनुसार, 60% किसान फसल त्योहारों में पूजा-पाठ में हिस्सा लेते हैं, जो इसकी सांस्कृतिक गहराई को दर्शाता है।
भगवद पुराण के अनुसार, भगवान बलराम वासुदेव और देवकी के सातवें पुत्र थे, जिनका गर्भ योगमाया द्वारा रोहिणी के गर्भ में स्थानांतरित हुआ, उन्हें ‘रोहिणी नंदन’ कहा गया। वे शेषनाग के अवतार हैं और हल (हलधर) उनके प्रतीक के रूप में खेती को समृद्धि प्रदान करते हैं। मथुरा, वृंदावन और ओडिशा में मंदिर सजाए गए, जबकि झूलन यात्रा के साथ उत्सव मनाया जा रहा है,
किसानों के लिए यह दिन खास है, क्योंकि वे हल और बैलों की पूजा कर उर्वर फसलों की कामना करते हैं। क्या भगवान बलराम का आशीर्वाद वाकई किसानों की जिंदगी में बदलाव ला सकता है? यह सवाल हर किसी के मन में है!
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