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प्रसंत चंद्र महालानोबिस की जयंती पर खुला बड़ा राज, फसल बीमा योजना में तकनीक ने मचाई तबाही!

29 जून 2025 को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के मौके पर प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक प्रसंत चंद्र महालानोबिस को याद किया जा रहा है, जिनकी जयंती पर उनके सम्मान में महालानोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र (MNCFC) की स्थापना की गई थी।

@pmfby के ट्वीट के अनुसार, यह केंद्र प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में आंकड़ों और तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है, जिसने पारंपरिक सर्वेक्षणों की तुलना में 30% अधिक सटीक नुकसान का आकलन किया है, जैसा कि 2019 के राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान संस्थान के विश्लेषण में सामने आया।

MNCFC, जो 23 अप्रैल 2012 को शुरू हुआ, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की तकनीक का उपयोग कर फसल पूर्वानुमान में 20% सुधार लाया है, जैसा कि FASAL कार्यक्रम के 2017 के डेटा से पता चलता है। यह केंद्र ड्रोन, सैटेलाइट और स्मार्ट तकनीकों से लैस है, जो किसानों को मौसम और कीटों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है। PMFBY के तहत किसानों को केवल 5% प्रीमियम देकर पूर्ण कवरेज मिलता है, बाकी सरकार वहन करती है, जिससे लाखों किसानों को राहत मिली है।

हालांकि, क्या यह तकनीक वाकई किसानों के लिए वरदान है या फिर एक नई चुनौती? विशेषज्ञों का कहना है कि डेटा सटीकता में सुधार के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी जागरूकता की कमी इसे चुनौतीपूर्ण बना रही है। क्या सरकार इसकी पहुंच बढ़ा पाएगी? यह सवाल अब हर किसान के जहन में है!

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