16 अगस्त 2025 को मनाई जा रही श्री कृष्ण जन्माष्टमी में इस बार कुछ खास देखने को मिल रहा है। वृंदावन के मशहूर संत श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज की अगुवाई में राधा केली कुंज से निकली भक्ति की लहर पूरे देश में फैल रही है।@RadhaKeliKunj के ट्वीट में सजी-धजी मूर्तियों और भजनों के साथ जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी गईं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
इस बार जन्माष्टमी में मंदिर सजावट और रासलीला का खास आयोजन देखने को मिल रहा है, जैसा कि @Gitaculture ने अपने ट्वीट में मंदिर की तस्वीरें शेयर कीं। वहीं, @Neerajch53 ने पारंपरिक भजन “नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की” से उत्साह बढ़ाया, जो भगवद्गीता और भक्ति परंपरा का हिस्सा है। इतिहासकारों के अनुसार, यह त्योहार वैष्णव संप्रदाय में 300 ईसा पूर्व से मनाया जा रहा है, और आज भी यह समुदायों को जोड़ने का माध्यम बना हुआ है।
विकिपीडिया के अनुसार, इस दिन मंदिरों में रात भर जागरण और व्रत रखने की परंपरा है, जो फसलों के मौसम से मेल खाती है। जर्नल ऑफ हिंदू स्टडीज (2019) में प्रकाशित अध्ययन बताते हैं कि ये रीतियां सामुदायिक एकता को मजबूत करती हैं। क्या इस बार आप भी श्री कृष्ण की भक्ति में डूबने के लिए तैयार हैं? यह त्योहार न केवल आस्था का, बल्कि संस्कृति का भी प्रतीक बन गया है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी, राधा केली कुंज, हित प्रेमानंद, भक्ति उत्सव, वैष्णव संस्कृति
Krishna Janmashtami, Radha Keli Kunj, Premanand Govind, Devotional Festival, Vaishnav Culture


