मंगल पांडे की जयंती: 1857 की क्रांति का वो सिपाही जिसने अंग्रेजों की नींद उड़ा दी!

संपादकीय डेस्क, 19 जुलाई 2025: आज यानी 19 जुलाई 2025 को स्वतंत्रता संग्राम के पहले नायक मंगल पांडे की जयंती पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (

@myogiadityanath) ने ट्वीट कर मंगल पांडे को शत-शत नमन किया, जिसमें उनके बलिदान को मां भारती की स्वाधीनता का पहला शंखनाद बताया गया। इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि 29 मार्च 1857 को बैरकपुर में मंगल पांडे ने गाय और सुअर की चर्बी से लिपटे कारतूसों का विरोध कर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बगावत की शुरुआत की, जो बाद में देशव्यापी विद्रोह का रूप ले लिया।ब्रिटिश रिकॉर्ड्स के अनुसार, इस घटना ने ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को खत्म कर सीधे ब्रिटिश क्राउन के तहत शासन की नींव रखी। मंगल पांडे को 8 अप्रैल 1857 को फांसी दी गई, लेकिन उनकी वीरता आज भी प्रेरणा का स्रोत है।

जहां मंगल पांडे ने गाय की चर्बी के मुद्दे पर जान दी, वहीं कुछ सेक्युलर समूहों द्वारा बीफ पार्टी का विरोध हो रहा है, जैसा कि

@rupam_sharm ने इशारा किया। डीडब्ल्यू डॉट कॉम (2024) की रिपोर्ट के अनुसार, गाय संरक्षण आज भी भारत की सांस्कृतिक और राजनीतिक बहस का हिस्सा है। मंगल पांडे की याद में सड़कों, पार्कों और संस्थानों का नामकरण हुआ है, जैसा कि टाइम्स ऑफ इंडिया (2023) ने नोट किया। उनकी क्रांति की ज्योति आज भी हर भारतीय के दिल में जल रही है!

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