नई दिल्ली, 16 जुलाई 2025: आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक बड़ी घोषणा करते हुए “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” को मंजूरी दी है, जो 2025-26 से अगले 6 साल तक देश के 100 कम उत्पादकता वाले जिलों में लागू होगी। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह योजना 1.7 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाने की उम्मीद है, जैसा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में ₹1.37 लाख करोड़ के आवंटन के साथ प्रतिबद्धता जताई
इस योजना का लक्ष्य खेती की उत्पादकता बढ़ाना, सिंचाई सुविधाओं में सुधार, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना और किसानों को आसान ऋण उपलब्ध कराना है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर बताया कि यह योजना ग्रामीण आजीविका और दीर्घकालिक कृषि विकास को मजबूत करेगी
हालांकि, किसानों के बीच सवाल भी उठ रहे हैं। कुछ यूजर्स, जैसे @misterindia1 ने चिंता जताई कि भविष्य में खेती पर आयकर लगने की मांग हो सकती है, जबकि @sansingh2102 ने आगाह किया कि ऋण देने से किसानों को कर्ज के जाल में न डाला जाए, जैसा कि पहले अवैध ब्याज माफिया ने किया। 2020-21 के किसान आंदोलन की यादें ताजा हैं, जहां सरकार पर भरोसा कमजोर हुआ था।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 50.4% कृषि परिवारों की सालाना आय ₹10,000 से कम है ऐसे में यह योजना सफल हो तो किसानों की जिंदगी बदल सकती है। लेकिन इसकी सफलता पारदर्शी निगरानी और जमीनी स्तर पर लागू होने पर निर्भर करेगी। क्या यह योजना सचमुच अन्नदाताओं को धन-धान्य दे पाएगी? इसका जवाब वक्त बताएगा!
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