नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। रेल मंत्रालय ने देशभर के सभी 74,000 यात्री कोच और 15,000 लोकोमोटिव इंजनों में अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है। यह निर्णय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की अध्यक्षता में 12 जुलाई 2025 को हुई उच्च-स्तरीय बैठक में लिया गया, जिसमें उत्तरी रेलवे के पायलट प्रोजेक्ट की सफलता की समीक्षा की गई।
हाई-टेक कैमरों से होगी 360-डिग्री निगरानी
रेलवे के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक यात्री कोच में चार डोम-टाइप सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जो दोनों प्रवेश द्वारों पर दो-दो की संख्या में होंगे। वहीं, प्रत्येक लोकोमोटिव में छह कैमरे होंगे, जो सामने, पीछे, दोनों तरफ और कैब में लगाए जाएंगे। इनके साथ ही कैब में दो डेस्क-माउंटेड माइक्रोफोन भी होंगे, जो ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग को और प्रभावी बनाएंगे। ये कैमरे STQC-प्रमाणित होंगे और 100 किमी/घंटा से अधिक गति वाली ट्रेनों में भी कम रोशनी में उच्च-गुणवत्ता वाली फुटेज कैप्चर करने में सक्षम होंगे।
क्यों जरूरी है यह कदम?
हाल ही में पानीपत में एक महिला के साथ ट्रेन में गैंगरेप की दिल दहला देने वाली घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। इस घटना में पीड़िता को ट्रैक पर फेंक दिया गया, जिसके चलते उसने एक पैर गंवा दिया। ऐसे में सीसीटीवी कैमरे चोरी, छेड़छाड़, डकैती और अन्य आपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने में कारगर साबित होंगे। आपात स्थितियों जैसे आग, चिकित्सा आपातकाल या दुर्घटना में भी फुटेज से त्वरित कार्रवाई संभव होगी।
यात्रियों की गोपनीयता का रखा जाएगा ख्याल
रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यात्रियों की निजता को प्राथमिकता दी जाएगी। कैमरे केवल सामान्य आवागमन वाले क्षेत्रों, जैसे कोच के प्रवेश द्वार और गलियारों में लगाए जाएंगे, ताकि यात्रियों की गोपनीयता बनी रहे। इसके अलावा, रेल मंत्री ने इंडिया एआई मिशन के सहयोग से इन कैमरों के डेटा का उपयोग कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं। इससे फेसियल रिकग्निशन सिस्टम (FRS) के जरिए वांछित अपराधियों को पकड़ना आसान होगा।
महिला सुरक्षा और अपराध पर लगेगी लगाम
यह पहल विशेष रूप से महिला यात्रियों, बच्चों और बुजुर्गों के लिए फायदेमंद होगी। ट्रेनों में आए दिन होने वाली चोरी, जहरखुरानी और संगठित गिरोहों की गतिविधियों पर अंकुश लगेगा। रेलवे के इस कदम को सोशल मीडिया पर भी खूब सराहा जा रहा है। “यह पहल अपराध पर निगरानी, आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई और महिला सुरक्षा के लिए अत्यंत कारगर सिद्ध होगा।”
रेलवे स्टेशनों पर भी सीसीटीवी का जाल

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले ही घोषणा की थी कि 1.5 साल के भीतर देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। हर डिवीजन, जोन और रेलवे बोर्ड में वार रूम बनाए गए हैं, जो स्टेशनों की नियमित निगरानी करते हैं। इस नई योजना के साथ, रेलवे अब ट्रेनों और स्टेशनों दोनों को डिजिटल निगरानी के दायरे में ला रही है।
आधुनिक और सुरक्षित रेल यात्रा की ओर कदम
रेलवे का यह हाई-टेक प्लान न केवल यात्रियों की सुरक्षा को पुख्ता करेगा, बल्कि भारतीय रेलवे को आधुनिक और यात्री-अनुकूल बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। यह परियोजना रेलवे के आधुनिकीकरण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे ट्रेन यात्रा अब पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित और विश्वसनीय होगी।
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