कर्नाटक के बंगालुरु में बीते शनिवार को 5000 से अधिक बाइक टैक्सी राइडर्स ने विधान सौधा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। ये राइडर्स ओला और रैपिडो जैसी सेवाओं पर लगे बैन को हटाने और नियमों की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे। कर्नाटक हाई कोर्ट ने अप्रैल 2025 में मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 93 के तहत बाइक टैक्सी पर बैन को सही ठहराया था, जिसके बाद 16 जून से यह लागू हो गया। इस बैन से करीब 6 लाख लोगों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कई राइडर्स को हिरासत में लिया, जिससे तनाव और बढ़ गया। टुमकुरु के एक राइडर रमेश ने बताया, “बैन से पहले मैं परिवार का खर्च चला पाता था, अब भूखे सोना पड़ रहा है और बच्चे की स्कूल फीस भी अटकी है।” इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राइडर्स का कहना है कि बैन से बंगालुरु की ट्रैफिक समस्या 18% तक बढ़ गई है, जो आम लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बन रही है।
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के आंकड़ों के अनुसार, बाइक टैक्सी से बंगालुरु में ट्रैफिक 15% कम हुआ था और 50,000 से ज्यादा अनौपचारिक नौकरियां पैदा हुई थीं। इसके बावजूद परिवहन मंत्री रामलिंग रेड्डी की चुप्पी सवालों के घेरे में है। “जब कोर्ट नीति मांग रहा है, तो मंत्री चुप्पी साधे हैं, इससे पूरे राज्य के परिवारों को नुकसान हो रहा है। #StepDownTransportMinister।” कर्नाटक सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार, रेड्डी पर इस्तीफे का दबाव बढ़ रहा है, लेकिन कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
राइडर्स का कहना है कि वे अराजकता नहीं, बल्कि नियमन चाहते हैं। क्या सरकार उनकी मांग मानेगी या यह आंदोलन और तेज होगा? यह सवाल अब सभी के जहन में है।
बाइक टैक्सी, कर्नाटक प्रदर्शन, विधान सौधा, रोजगार संकट, परिवहन मंत्री
Bike Taxi, Karnataka Protest, Vidhana Soudha, Livelihood Crisis, Transport Minister