उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स (X) अकाउंट पर पोस्ट किया, “चुनौती जितनी बड़ी होगी, जीत उतनी ही शानदार होगी। सभ्यता, संस्कार और स्वाभिमान के उद्घोष ‘गर्व से कहो हम हिन्दू हैं’ के द्वारा सोए हुए भारत को जागृत करने वाले युवा संन्यासी, ‘राष्ट्रऋषि’ स्वामी विवेकानंद जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि!” यह पोस्ट स्वामी विवेकानंद की विरासत और उनके योगदानों को रेखांकित करती है, जो न केवल भारत बल्कि विश्व स्तर पर सनातन संस्कृति को प्रतिष्ठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्वामी विवेकानंद, जिन्हें 4 जुलाई, 1902 को महासमाधि प्राप्त हुई, ने वेदांत, सेवा और आत्मबल के माध्यम से भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। योगी आदित्यनाथ ने उनके राष्ट्रनिर्माण की दृष्टि और “उठो, जागो” के मंत्र को युवा भारत का पथप्रदर्शक बताया, जो युगों तक प्रासंगिक रहेगा।
इस अवसर पर, कई अन्य नेताओं और नागरिकों ने भी स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि दी, जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हैं, जिन्होंने लिखा, “स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए।” यह दर्शाता है कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं और विचार आज भी भारतीय समाज में गहरी छाप छोड़ते हैं।
स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 39 वर्ष की आयु में हुई, और उनके शिष्यों का मानना है कि उन्होंने महासमाधि प्राप्त की। उनकी मृत्यु के संभावित कारण के रूप में मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं के फटने की बात कही गई है। हालाँकि, उनकी शिक्षाएं और विचार आज भी जीवित हैं, विशेषकर राष्ट्रीय युवा दिवस (12 जनवरी) के रूप में मनाए जाने वाले उनके जन्मदिन पर।
उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए, भारतीय सरकार ने 2013 को उनके 150वें जन्मदिन के अवसर पर राष्ट्रीय युवा वर्ष के रूप में मनाया, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। यह पहल युवाओं को प्रेरित करने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए थी।
स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और उनके द्वारा स्थापित रामकृष्ण मिशन ने सामाजिक सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जो आज भी जारी है। उनकी पुण्यतिथि पर दिए गए श्रद्धांजलि संदेश न केवल उनकी स्मृति को जीवित रखते हैं, बल्कि उनकी विचारधारा को भावी पीढ़ियों तक पहुँचाने का प्रयास भी करते हैं।
स्वामी विवेकानंद, योगी आदित्यनाथ, पुण्यतिथि, श्रद्धांजलि, सनातन संस्कृति, वेदांत, राष्ट्रीय युवा दिवस, रामकृष्ण मिशन, भारतीय संस्कृति, राष्ट्रनिर्माण
Swami Vivekananda, Yogi Adityanath, death anniversary, tribute, Sanatan culture, Vedanta, National Youth Day, Ramakrishna Mission, Indian culture, nation-building