नई दिल्ली, 12 अगस्त 2025: आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान का जनक डॉ. विक्रम साराभाई की जयंती है, जिन्होंने 12 अगस्त 1919 को जन्म लिया था। दूरदर्शन नेशनल ( के अनुसार, साराभाई ने 1947 में फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (PRL) की स्थापना की और 1969 में ISRO की नींव रखी, जो भारत को अंतरिक्ष में अग्रणी बनाया। उनके प्रयासों का नतीजा है कि भारत ने 2014 में मंगलयान के साथ पहली बार मंगल की कक्षा में प्रवेश किया, जो दुनिया में पहला ऐसा कारनामा था।
साराभाई को 1966 में पद्म भूषण और 1972 में मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ ने 1973 में चंद्रमा पर एक क्रेटर का नाम उनके सम्मान में ‘साराभाई क्रेटर’ रखा, जबकि चंद्रयान-2 मिशन का लैंडर ‘विक्रम’ उनके नाम पर है। उनकी मृत्यु 1971 में 52 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से हुई, लेकिन उनकी विरासत आज भी जारी है। ISRO का 2023 का बजट $1.5 बिलियन है, जो 2014 के मुकाबले 300% बढ़ा है, जो उनके योगदान को दर्शाता है।
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