नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक ट्वीट में देश में उभरते नए सेक्टर्स के लिए युवाओं को तैयार करने की बात कही है। उन्होंने कहा, “बीते दशक में देश में नए-नए सेक्टर्स उभरे हैं। आज हमारा फोकस अपने युवाओं को इनके लिए तैयार करने पर है। इस दिशा में ऐसे कई अहम निर्णय लिए गए हैं.
मोदी के इस बयान के पीछे का संदर्भ हाल ही में हुए ‘रोजगार मेला’ से जुड़ा है, जहां उन्होंने 51,000 से अधिक युवाओं को नौकरी के अवसर प्रदान किए। जम्मू-कश्मीर में 237 युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गईं, जो क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक वृद्धि को प्राथमिकता देने की दिशा में एक बड़ा कदम है
इसके अलावा, भारत की जनसांख्यिकीय लाभांश (demographic dividend) को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है। S&P Global के अनुसार, भारत की 67.86 करोड़ की कार्यशक्ति आगामी दशक में देश की आर्थिक वृद्धि को गति देगी, बशर्ते कि उचित नीतिगत हस्तक्षेप किए जाएं
मोदी की अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां भी इस संदर्भ को मजबूत करती हैं। हाल ही में उन्हें नामीबिया, कुवैत, मॉरीशस और श्रीलंका से उच्चतम नागरिक सम्मान मिले हैं, जो भारत की वैश्विक छवि और प्रभाव को दर्शाता है
क्या ये कदम भारत को वैश्विक नेता बनाने में मदद करेंगे? यह प्रश्न अभी अनुत्तरित है, लेकिन मोदी सरकार की नीतियां और युवाओं पर ध्यान स्पष्ट रूप से एक नई दिशा की ओर इशारा करती हैं।
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