फिटनेस के इस दौर में हर कोई जिम का दीवाना बन गया है। सुबह-शाम वर्कआउट, प्रोटीन शेक और सप्लीमेंट्स – फिर भी मिरर में वही पुरानी स्लिम बॉडी नजर आ रही है? अगर आप भी उन लाखों लोगों में से एक हैं जो मांसपेशियों का निर्माण करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन रिजल्ट जीरो है, तो रुकिए! एक्सपर्ट्स के मुताबिक, समस्या वर्कआउट में नहीं, बल्कि कुछ बेसिक गलतियों में छिपी है। हमने हेल्थलाइन, मेयो क्लिनिक और भारतीय फिटनेस एक्सपर्ट्स की स्टडीज से ये 5 प्रमुख कारण निकाले हैं, जो आपकी मसल ग्रोथ को रोक रहे हैं। इन्हें ठीक करो, और बस – ट्रांसफॉर्मेशन की शुरुआत हो जाएगी!
1. प्रोटीन की कमी: बॉडी का बिल्डिंग ब्लॉक गायब!
मांसपेशियों को बनाने के लिए प्रोटीन ही ईंट की तरह काम करता है। लेकिन ज्यादातर लोग सिर्फ 0.8 ग्राम प्रति किलो बॉडी वेट लेते हैं, जबकि बिल्डिंग के लिए 1.6-2.2 ग्राम जरूरी है दाल, अंडा, दही या पनीर जैसे नैचुरल सोर्सेज से इसे पूरा करो। प्रोटीन पाउडर का झांसा मत लो – ये महंगे हैं और कई बार हेवी मेटल्स से भरे होते हैं, जो किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एक डॉक्टर की पोस्ट में साफ कहा गया है कि सामान्य इंसान को नैचुरल डाइट से ही 60 ग्राम प्रोटीन मिल जाता है।
2. नींद की कमी: रिकवरी का टाइम चोरी हो रहा!
रात को 7-9 घंटे सोना मसल रिकवरी के लिए जरूरी है। नींद में ही ग्रोथ हार्मोन रिलीज होता है, जो मसल्स को रिपेयर करता है। अगर आप देर रात तक फोन स्क्रॉल करते हो, तो बॉडी स्ट्रेस मोड में चली जाती है, और कोर्टिसोल हार्मोन मसल्स को तोड़ने लगता है। स्टडीज दिखाती हैं कि कम नींद वाले लोग 20% कम मसल गेन करते हैं। टिप: बेडटाइम रूटीन बनाओ – स्क्रीन बंद, लाइट डिनर।
3. कैलोरी डेफिसिट: ईंधन कम, मशीन कैसे चलेगी?
मसल बिल्डिंग के लिए कैलोरी सरप्लस चाहिए – यानी जितना बर्न हो, उससे 250-500 कैलोरी ज्यादा खाओ। लेकिन वेट लॉस के चक्कर में लोग कम खाते हैं, जिससे बॉडी मसल्स को ही ब्रेकडाउन करने लगती है। विटामिन D और B12 की कमी भी यही करती है – एक यूजर की पोस्ट में बताया गया कि इनकी कमी से सुस्ती और मसल वीकनेस होती है। सलाह: ट्रैकिंग ऐप यूज करो, हेल्दी फैट्स जैसे बादाम ऐड करो।
4. ओवरट्रेनिंग बिना रेस्ट: बॉडी थक गई, ग्रोथ रुकी!
हर दिन हेवी लिफ्टिंग? गलत! मसल्स ग्रोथ रेस्ट में होती है, न कि लगातार स्ट्रेस में। वीकली 48 घंटे रेस्ट दो, वरना इंजरी या प्लेट्यू हो जाएगी। मेयो क्लिनिक कहता है कि इनएक्टिविटी से भी 5% मसल लॉस सालाना होता है, लेकिन ओवरडूइंग इससे भी बुरा। प्रोग्रेसिव ओवरलोड अपनाओ – धीरे-धीरे वेट बढ़ाओ।
5. फिजिकल एक्टिविटी की कमी: टेस्टोस्टेरॉन लेवल गिरा!
जिम के अलावा डेली मूवमेंट जरूरी। सेडेंटरी लाइफ से टेस्टोस्टेरॉन कम होता है, जो मसल प्रोटीन सिंथेसिस रोकता है। डेनमार्क स्टडी में पाया गया कि 2 हफ्ते इनएक्टिविटी से लेग मसल स्ट्रेंथ 30% गिर जाती है। वॉकिंग या योग ऐड करो – ये नैचुरल बूस्टर हैं।ये कारण ठीक करने से आपकी बॉडी ट्रांसफॉर्म हो जाएगी। याद रखो, कंसिस्टेंसी और पेशेंस की! फिटनेस जर्नी में नैचुरल अप्रोच बेस्ट है। ज्यादा डिटेल्स के लिए डॉक्टर से कंसल्ट करो।


